गोधन अर्क के फायदे, नुकसान
भारत में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। इसके पीछे कई विशेष कारण हैं। प्राचीन ऋषि मुनियों व सनातन धर्म गुरूओं ने भी गाय को विशेष महत्व दिया व गोधन अर्क को शरीर के लिए विशेष उपयोगी बताया है। गाय में समस्त देवी देवताओं के वास की बात कही। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भी गायों की सेवा संवर्धन करते थे। इसके अलावा गाय के पंचगव्य में पाए जाने वाले तत्वों के कारण वेदों एवम पुराणों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गाय के पांच तत्वों गोमूत्र, घी, गोमय, छाछ, दूध में सभी बीमारियों का इलाज छिपा हुआ है।
कई शोध करने के बाद ऐसा बताया गया कि गाय के गोबर में 22.5 फीसदी मिट्टी है। दूध में 86 फीसदी शुद्ध जल है। गोमूत्र में 22 फीसदी शुद्ध वायु है। घी में अग्नि है और छाछ में आकाश है।
पंचगव्य से थैलेसीमिया, मधुमेह, ब्लड प्रेशर समेत सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कैंसर का जड़मूल से इलाज सिर्फ पंचगव्य से ही संभव है।
आज हम पंचगव्य में से एक गौमूत्र से बनने वाले गौ अर्क के बारे में बात करेंगे।
प्राचीन ग्रंथों से पता चलता है कि गौमूत्र को आरोग्य औषधि माना जाता था। आज भी हजारों साल बाद अगर आप रोज गौतीर्थ अर्क पीते हैं तो यह अमृत के समान आपके शरीर को स्वस्थ रखने और स्फूर्ति प्रदान करने में मदद करता है। आज हम आपको इस लेख में गौतीर्थ गौमूत्र अर्क के फायदे, नुकसान और किस प्रकार से इसका सेवन करना चाहिए इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे।
गौतीर्थ गव्यम अर्क क्या है।
गौतीर्थ गोधन अर्क हिमालय में पाई जाने वाली भारत की सबसे बेहतरीन देशी गाय की नस्ल बद्री गाय के गौमूत्र से बनाई जाने वाली एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल करने से पेट से संबंधित व शरीर की अन्य बीमारियों का ईलाज किया जाता है।
गौतीर्थ गौमूत्र अर्क कैसे तैयार किया जाता है
इसे बनाने के लिए हिमालय की बद्री गाय जिसे हम पहाड़ों की कामधेनु या फिर छोटी गाय के नाम से भी जानते हैं उसके गौमूत्र का इस्तेमाल करते हैं इसके विशेष विधि जिसे वाष्पीकरण भी कहते है से ही गौतीर्थ गौमूत्र अर्क तैयार किया जाता है।
गौतीर्थ गोधन अर्क के आखिर क्या फायदे हैं
प्राप्त जानकारी के अनुसार आयुर्वेद में गौमूत्र को अमृत के समान माना गया है। गौमूत्र में औषधीय गुण होते हैं जिसके कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी इसका प्रयोग किया जाता है। यही नहीं पेट और लीवर, डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी गौतीर्थ गोधन अर्क का सेवन किया जाता है।
शरीर की कमजोरी को दूर करता है गोधन अर्क
अगर आपका शरीर कमजोर है और आप थोड़ी सी मेहनत करने के बाद ही थकान महसूस करते हैं तो गोधन अर्क पीने से आपके शरीर को लाभ प्राप्त होने लगता है। गोधन अर्क शरीर की थकान को दूर करने और शरीर को मजबूती प्रदान करने में लाभकारी होता है।
पेट से जुड़े रोगों के लिए गौतीर्थ गो अर्क रामबाण आयुर्वेदिक औषधि का काम करता है। शरीर की ज्यादातार बीमारियों की शुरूआत पेट के खराब होने से होती है। आज के आधुनिक जीवन में खान पान में संतुलन ना होने के कारण भी तकरीबन सभी व्यक्ति पेट की बीमारियों से परेशान रहते हैं। पेट में गैस, दर्द, अपच या पेट फूलने की समस्या आम है लेकिन अगर आप रोजाना गोधन अर्क का सेवन करते हैं तो आपको पेट की इन समस्याओं से राहत मिलने लगती है जिससे पेट स्वस्थ रहता है और पेट से शुरू होने वाली बीमारियों की रोकथाम होती है और शरीर की कई बीमारियां भी दूर हो जाती हैं। इसके अलावा शरीर के रोगों से लड़ने की क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है जिससे आप कई प्रकार की बीमारियों से बच जाते हैं।
अस्थमा व डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी है गौतीर्थ गोधन अर्क :
आज के बदलते परिवेश में शहरों के अशुद्ध वातावरण और शहरों में फैली गंदगी के कारण सांस की बीमारी, एलर्जी व अन्य बीमारियों का शिकार भी लोग हो रहे हैं। जिसके लिए आपको अपने चिकित्सक की सलाह लेकर गोधन अर्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। गोधन अर्क में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो सांस की बीमारी खांसी आदि में आराम देते हैं। इसके अलावा आपके खून में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में गोधन अर्क बहुत ही कारगर होता है जिसके कारण अगर डायबिटीज के मरीज लगातार गोधन अर्क का सेवन करते हैं तो उन्हें काफी लाभ प्राप्त होता है।
लीवर के लिए संजीवनी बूटी का काम करता है गोधन अर्क
जी हां, गोधन अर्क आपके खून को साफ करने में बहुत ही मददगार होता है। गाय के मूत्र में ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो मनुष्य के खून को प्राकृतिक रूप से साफ करते हैं जिसके कारण लीवर पर कम दबाव पड़ता है और लीवर स्वस्थ रहता है। बहुत से आयुर्वेदिक चिकित्सक गोधन अर्क का सेवन जीवन में लगातार करने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह एक ऐसी आयुर्वेदिक दवाई है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
आखिर इतने गोधन अर्क में क्यों है खास गौतीर्थ गो अर्क
गौतीर्थ गोधन अर्क की तासीर थोड़ा सा पितवर्धक होती है जो पाचन में भी साह्यक है। यह भारत की सबसे उत्तम देसी गायों की नस्लों में से एक हिमालय बद्री गाय के मूत्र से तैयार की जाती है। बद्री गाय के उत्तराखंड के जंगलों में हिमालय की जड़ी बूटियां खाने और वहां की साफ हवा में रहने के कारण बद्री गाय से प्राप्त पंचगव्य में अमृत के जैसे गुण होते है जिसके कारण इनके पंचगव्य से बनी हुई आयुर्वेदिक दवाईयां किसी बीमारी को सही करने या उससे लड़ने के लिए अन्य देसी गाय की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली होती हैं।
गौतीर्थ गोधन अर्क किन-किन बीमारियों में कारगर है
गौतीर्थ गोधन अर्क पांचन संबंधी समस्या, त्वचा की समस्या, प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने, बैक्टीरिया या फिर वायरल संक्रमण, दिल की बीमारियों के लिए, खून को शुद्ध करने, शरीर में किसी प्रकार की सूजन, बुखार, थायरॉइड से संबंधित बीमारी के ईलाज के लिए, शरीर की कमजोरी दूर करने व शरीर को मजबूत बनाने, तनाव को दूर करने आदि के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।
कैसे ले सकते हैं गौतीर्थ गोधन अर्क
गौतीर्थ गोधन अर्क को पानी या शहद के साथ मिलाकर सुबह खाली पेट लेना चाहिए। गोधन अर्क लेने से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
मात्रा : 3 महीने से कम- 2 बूंद प्रति दिन
3 महीने – 1 वर्ष – 2 बूंद प्रति दिन दो बार
1 वर्ष – 2 वर्ष – 5 बूंद प्रति दिन दो बार
2 वर्ष – 5 वर्ष – 10 बूंद प्रति दिन दो बार
5 वर्ष से 10 वर्ष – 1 चम्मच दो बार प्रति दिन
10 वर्ष और उससे अधिक- 1 से 2 चम्मच प्रति दिन दो बार
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