
गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। बच्चों के लिए गाय के दूध को अमृत के बराबर माना जाता है । शहरों में बहुत से लोग अपने बच्चों को गाय का दूध पिलाते है लेकिन क्या आप जानते है कि अगर आप अपने बच्चों को जर्सी गाय जैसे दिखने वाले जानवर का दूध पिलाते है तो यह फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है।
गाय से मिलने वाले दूध की मात्रा को बढाने के लिए मानव ने क्रॉस ब्रीड वाली जर्सी गाय की उत्पत्ति की । यह एक गाय के जैसा दिखने वाला एक विदेशी जानवर है जिसकी दूध देने की उत्पादक क्षमता बहुत अधिक होती है, दूध ज्यादा देने के कारण ज्यादातर शहरों में इसी का पालन किया जाता है ।
एक आम देसी गाय करीब 3 से 4 लीटर दूध देती हैं, तो वहीं जर्सी गाय करीब 12 से 14 लीटर दूध देती हैं। इसी दूध को लोग गाय का दूध मानकर बडे मजे से पीते है। जबकि देसी गाय का दूध पीने से लाभ होता है। आज आपको बताएगे कि देसी गाय और विदेशी जानवर जर्सी गाय में आखिर क्या अंतर है।
यह भी पढ़े- गायों की विशेषता से अवगत कराता है पंचगव्य
देसी गाय की नस्ल
देसी गाय भारतीय नस्ल की गाय होती है, जबकि जर्सी गाय एक विदेशी नस्ल (यूरोप,पश्चिमी देशों) की होती है। देसी गायों को ज्यादातर गांवों में पाला जाता है जबकि जर्सी गाय को शहरों में पाला जाता है क्योंकि यह ज्यादा दूध देती है जिसके कारण गाय पालकों को अधिक लाभ होता है।देसी गाय
देसी गाय को भारतीय गाय कहा जाता है। ये बॉश इंडिकस श्रेणी की गाय होती हैं। इनकी पहचान लंबी सींग और बड़े कूबड़ से की जाती है। इनका विकास प्रकृति द्वारा होता है। उत्तर भारत में देसी गाय की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जैसे साहीवाल गाय, गंगातीरी गाय, हरियाणन गाय, गिर गाय, थारपारकर गाय, लाल सिंधी गाय, बद्री गाय। देसी गाय के रहन सहन की बात करे तो पता चलता है कि ये गर्म तापमान में आसानी से रहती हैं।जर्सी गाय
जर्सी गाय बॉश टोरस की श्रेणी में आती हैं। इन गायों की लंबे सींग और बड़े कूबड़ नहीं होते हैं। गाय का निर्यात भारत में सबसे अधिक होता है। जर्सी गाय के लिए ठंडी जलवायु बेहतर मानी जाती है।शारीरिक संचरना
अगर हम जर्सी गाय और देसी गाय की शारीरिक संचरना की बात करे तो हम देखते है कि जर्सी गाय का शरीर देसी गाय की तुलना में ज्यादा भरा हुआ नजर आता है। उसके शरीर पर मांस ज्यादा होता है तथा पौष्टिक रूप से वह ज्यादा मजबूत नजर आती है। लेकिन दूसरी और भारतीय देसी गाय का शरीर मध्यम सा नजर आता है । शरीर की बनावट सुंदर सी नजर आती है।- भारत में देसी गाय को माता का दर्जा मिला है, तो वहीं जर्सी गाय को ब्रिटेन में प्रमुख स्थान मिला है।
- बॉश इंडिकस श्रेणी में देसी गाय आती है और जर्सी गाय बॉश टोरस की श्रेणी में आती है।
- देसी गाय का विकास प्रकृति पर निर्भर है, देसी गाय का विकास जलवायु परिस्थितियों, चारे की उपलब्धता, काम करने के तरीके आदि के आधार पर होता है, जबकि जर्सी गाय का विकास ठंडे तापमान के अनुसार होता है।
- देसी गाय के सींग लम्बे और बड़े कूबड़ होते है, जबकि ऐसा जर्सी गाय में नहीं होता है।
- देसी गायों का कद जर्सी गायों की तुलना में छोटा होता है.
- देसी गाय करीब 3 से 4 लीटर दूध देती हैं, तो वहीं जर्सी गाय करीब 12 से 14 लीटर दूध देती हैं.
- आमतौर पर देसी गायों को बच्चा पैदा करने में 30 से 36 महीने लगते हैं, लेकिन जर्सी गायों को 18 से 24 महीने लगता है।
- देसी गाय अपने जीवनकाल में 10 से 12 बच्चों को जन्म दे सकती है, वहीं, जर्सी गाय ज्यादा बच्चो को जन्म नहीं दे पाती है, इसलिए देसी गाय के दूध समय की मात्रा ज्यादा होती है।
- देसी गाय के दूध में पोषण तत्व बहुत होते है जिसके कारण ही देसी गाय के दूध को अमृत माना गया है लेकिन जर्सी गाय के दूध की मात्रा ज्यादा होती है जिसके कारण इसका दूध हानिकारण भी माना जाता है । जर्सी गाय के दूध में हानिकारक बीटा प्रोटीन की चेन होती है।
- जर्सी गाय का दूध बहुत अधिक मात्रा में लैक्टोज होता है जो इंसानों के लिए थोड़ा दिक्कतदायक हो सकता है। इसके विपरीत, देशी गाय का दूध कम मात्रा में लैक्टोज होता है ।जो इसे उच्च लैक्टोज योग्य नहीं बनाता है। जर्सी गाय का दूध जायदा स्वादू नही होता है जो बेकिंग और खाद्य उत्पादों के लिए अधिक उपयुक्त होता है। देशी गाय का दूध स्वादिष्ट होता है।देशी गाय के दूध में स्वर्ण तत्व पाए जाते है ऐसा वैज्ञानिक प्रयोग सिद्ध करते है।देशी गाय के दूध में बहुत सारे स्वास्थ्य वर्धक गुण होते हैं।ऐसा प्रयोगों और शास्त्र से सिद्ध हो चुका है।